Home Contact About

Commission Calculator

अगर आप किसी कंपनी के समान को कमीशन पर बेचतें हैं तो फिर ये टूल बेचे गए सामान के बिक्री मूल्य से कमिशन को परसेंटेज में निकालता है इसके लिए ऊपर वाले बॉक्स में सेल्स प्रिस यानी आपने सामान कितना में बेचा है वो डालें और फिर नीचे वाले बॉक्स में आपको कितना पर्सेंट कमीशन चाहिए उतना डालें और कैलकुलेट का बटन दबाए

Financial Calculators








Share On Whatsapp
Author Avatar
Sushil Kumar
मेरा नाम सुशील कुमार है और मैं बिहार के रहने वाला हूं मैं इस टूल वेबसाइट पर कई तरह के कैलकुलेटर टूल डाला हुआ है जैसे Age Calculator, Paypal Fee Calculator, Time and Date Calculator इत्यादि। ये सभी टूल हमने आपकी सुविधाओं के लिए बनाया है ताकि आप इसका इस्तेमाल करके अपने काम को आसान बना सकें। आप हमसे जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन के जरिए सोशल प्लेटफॉर्म को फॉलो कर सकते हैं।

Commission Calculator क्या है?

Commission Calculator आपके बिक्री मूल्य से कमीशन रेट को परसेंटेज में निकालता है उदाहरण के लिए कोई कंपनी आपसे बोलता है या कोई और व्यक्ति आपसे बोलता है कि आपका बिक्री मूल्य में हमें 5% कमिशन चाहिए तो आप Sales Price वाले बॉक्स में Sales Price या बिक्री मूल्य डालेंगे और फिर नीचे जितना भी परसेंट किसी को देना है उतना डालेंगे और फिर Calculate का बटन दबाएंगे तो सबसे नीचे Commission में आप देख पाएंगे कि कितना कमीशन बन रहा है।

Commission Calculator का इस्तेमाल कैसे करें?

कमिशन केलकुलेटर का इस्तेमाल करना बहुत आसान है इसे आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए बहुत ही आसानी से चला कर कमिशन का पता लगा सकते हैं इसके लिए नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें।

  • सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर में Commission Calculator इसे ओपन करें।
  • अब आपने कितने का माल बेचा है उस पैसे को Sales Price वाले बॉक्स में डालें।
  • अब बिके हुए माल पर आपको कितना पर्सेंट मिलने वाला है उसे Commission Rate वाले बॉक्स में अंकों में टाइप कर दें।
  • अब Calculate के बटन को दबा दें।
  • अब Commission वाले बॉक्स में देखें आपका बिका हुआ माल में कितना कमीशन बना है।
  • फिर से कमीशन निकालने के लिए Clear का बटन दबाए और दोबारा से वही प्रक्रिया अपनाएं।

Commission क्या है?

बहुत से कंपनी वाले अपना बिक्री बढ़ाने के लिए माल के बिक्री होने पर विक्रेता को कमीशन देने की बात करते हैं इससे उनके प्रोडक्ट की सेलिंग तेजी से होता है उदाहरण के लिए कोई कंपनी ने आपको ₹500 की दिहाड़ी पर रखी है और आपका काम है किताब बेचना अब कंपनी आपसे ये बोलता है कि ये ₹500 आपको दिहाड़ी तो मिलेगा ही मिलेगा लेकिन अगर आप ज्यादा किताब बेचते हैं तो अतिरिक्त कमीशन मिलेगा अब ये सुनकर आप और ज्यादा मेहनत करते हैं और ज्यादा से ज्यादा किताब बेचने की कोशिश करते हैं ताकि अतिरिक्त कमीशन कमाए जा सके।

कई बार परसेंटेज के रूप में भी कमीशन मिलता है उदाहरण के लिए कोई कंपनी अपने कर्मचारियों से बोलती है कि आप जितना भी माल बेचोगे उसका 4% आपको मिल जाएगा यानी अगर आप ₹100 का माल बेचते हैं तो आपको 4 रुपए मिलता है और ये चार रुपए तनख्वाह से अलग होता है यानी ये आपका एक्स्ट्रा कमाई हो जाता है और ऐसे कंपनी इसलिए करते हैं ताकि उनका माल जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा सेल हो सके।

अलग-अलग कमीशन की संरचनाएं

कमीशन कई प्रकार के हो सकते हैं कई बार हम अपने ग्राहकों को छूट देते हैं तो उसमें हमारा कमीशन कम हो सकता है और इस स्थिति में हम ग्राहकों को ज्यादा छूट नहीं दे पाते हैं। अगर एक ही ग्राहक बार-बार हमसे माल खरीदते हैं तो उसमें भी हमें बार-बार कमीशन मिलता रहता है लेकिन कई बार पुराने ग्राहकों को छूट देना पड़ सकता है जिसके वजह से हमारा कमीशन में थोड़ा बहुत गिरावट हो सकता है।

कमीशन एक ऐसा संरचना है जिसके जरिए कंपनियां अपना सेल्स को तेजी से बढा पाती है और सेल्समेन अपने तनख्वाह के अलावा भी अतिरिक्त कमाई कर पाते हैं इतना ही नहीं कमीशन के वजह से कई बार उपभोक्ता को भी कभी-कभी छूट मिल जाती है।