गर्भावस्था के दौरान जच्चा एवं बच्चा का वजन को कैलकुलेट करने वाला कैलकुलेटर है चिकित्सा संस्थान के निर्देशानुसार बनाया गया है लेकिन हो सकता है कि ये 100% काम ना करें इसलिए डॉक्टरी सलाह भी जरूरी है।
Pregnancy Weight Gain Calculator एक ऐसा कैलकुलेटर है जो महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ वजन बढ़ाने के लिए एक निर्देश सुझाव देता है इस कैलकुलेटर को चिकित्सा संस्थान के निर्देशों के आधार पर तैयार किया गया है लेकिन हो सकता है कि ये 100% खड़ा ना उतरे इसलिए डॉक्टरी सलाह भी जरूरी होती है।
डॉक्टर के अनुसार जब महिला प्रेग्नेंट होती है तो शुरुआती के 3 महीने में 1 से 2 किलो तक का वजन बढ़ सकता है लेकिन कुछ महिलाओं के शुरुआती के 3 महीने में वजन घटने की भी शिकायत आती है क्योंकि ऐसी स्थिति में खाना खाने का मन नहीं करता है और जो खाते भी हैं वो उल्टी के जरिए बाहर निकल जाया करता है।
फिर प्रेगनेंसी के तीन से पांच महीने के दौरान भी 1 से 2 किलो वजन बढ़ सकता है लेकिन प्रेगनेंसी के पांचवे से आठवे महीने के दौरान वजन थोड़ा ज्यादा बढ़ता है लेकिन सबसे ज्यादा वजन बढ़ता है आठवे से नवे महीने के दौरान क्योंकि इस समय महिलाओं का भी वजन बढ़ता है और पेट में पल रहे बच्चों का भी वजन तेजी से बढ़ता है क्योंकि बच्चों का तेजी से विकास का समय यही होता है।
सभी महिलाएं यही चाहती हैं की प्रेगनेंसी के दौरान उनके बच्चे का स्वास्थ वजन एक एवरेज में रहे ताकि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ पैदा होवे इसके लिए वो तरह-तरह के खाद्य पदार्थ खाती हैं और डॉक्टर से सलाह लेती रहती हैं। हम यहां पर डॉक्टर के द्वारा बताए हुए कुछ सलाह बताएंगे जिसके जरिए एक प्रेग्नेंट महिला अपने पेट में पल रहे बच्चे के वजन को स्वस्थ रख सकेंगी।
प्रेगनेंसी के दौरान भी डॉक्टर महिलाओं को एक संतुलित मात्रा में एक्सरसाइज या योगा करने के लिए बोलते हैं लेकिन खुद से करना घातक हो सकता है इसलिए इसके लिए आपको एक अच्छा योगा ट्रेनर का तलाश करना चाहिए जो प्रेगनेंसी के दौरान वो आपको योगा करना सीख सकें।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डॉक्टर ड्राई फ्रूट्स खाने का सलाह देते हैं जैसे बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, पिस्ता इत्यादि लेकिन इन्हें थोड़ा मात्रा में खाना चाहिए बहुत ज्यादा खा लेने से ज्यादा फायदा नहीं हो जाता है बल्कि उतना ही खाएं जितना आसानी से हजम हो जाए और इससे पेट में पल रहे बच्चे का विकास अच्छा तरीके से होता है।
कुछ ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम को रात में पानी में भिगोकर सुबह उसका छिलका उतार कर खाने का सलाह दिया जाता है इससे उसमें मौजूद गर्मी निकल जाती है और वो अच्छा से हजम भी होता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए दूध से बना उत्पाद जैसे पनीर मक्खन घी इत्यादि खाने का सलाह दिया जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन का अच्छा मात्रा होता है यह कैल्शियम का भी जरूरत पूरा करता है और विटामिन डी की कमी भी पूरी होती है। प्रोबायोटिक के लिए आप दूध से ही बना हुआ दही एवं छाछ को ले सकते हैं प्रोबायोटिक से महिलाओं को भी फायदा होता है और पेट में पल रहे बच्चों का ग्रोथ भी इसे बढ़ता है।
दालें जैसे सोयाबीन, राजमा, चना, अरहर, मूंग, मटर, बींस, फलिया इत्यादि का सेवन करना गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है इससे महिलाओं एवं बच्चों को मल्टीविटामिन मिलता है फाइबर मिलता है एवं प्रोटीन भी अच्छा मात्रा में मिल जाता है और ये सभी चीजें पेट में पल रहे बच्चों का एक स्वस्थ वजन बढ़ाने में काफी सहायता करते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए फल एवं हरी सब्जियां काफी फायदेमंद होती है इससे महिलाओं को भी शरीर में कई तरह की कमियां पूरी होती है और पेट में पल रहे बच्चों के लिए भी ये एक संतुलित आहार होता है। गर्भवती महिलाओं को सीजन में आने वाले फल एवं हरी सब्जियां ही खानी चाहिए और इस बात का ध्यान होना चाहिए फल एवं सब्जियां ताजा हो एवं साफ सुथरा धुले हुए हो।