आपके शरीर में कुल कितने Fat है इसका अनुमान Body Fat Calculator लगा सकता है वो भी एक विशिष्ट माप के आधार पर।
The American Council on Exercise Body Fat Categorization
Obesity और Over Weight ये आपके शरीर को ये संकेत देता है कि आपका शरीर का जितना वजन होना चाहिए उससे ज्यादा है अब ये वजन Fat के वजह से ज्यादा है या मसल्स के वजह से हैं या बोन के वजह से है यह एक अलग प्रश्न है लेकिन वजन जरूरत से ज्यादा है। डॉक्टर के अनुसार Obesity को Chronic मेडिकल कंडीशन माना जाता है और ये भी माना जाता है कि बाय एंड लार्ज Obesity हुई है तो फिर ये Excess Amount की वजह से होगी, खाने का तात्पर्य यह है कि अगर आपके शरीर में Fat का मात्रा ज्यादा होगा तो फिर आपका वजन बढ़ेगा।
अब इसका मतलब ये नहीं हुआ कि Fat हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है बल्कि हमारे शरीर में फैट का निम्नलिखित काम होता है।
इसका मतलब ये हुआ की फैट तो शरीर में जरूरी है लेकिन इसका मात्रा सही होना चाहिए ज्यादा बढ़ेगा तो वजन बढ़ाएगा और आवश्यकता से कम होगा तो भी शरीर के लिए नुकसानदायक है। अब यही फैट अगर ज्यादा बढ़ जाता है तो फिर Obesity करता है या मोटापा बढ़ता है और इसे मापने का तरीका होता है BMI यानी Body Mask Index इस पैरामीटर को Obesity को Defining करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।
शरीर में अतिरिक्त चर्बी के कई सारे Complications होते हैं obesity कई एक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म देता है मोटापा तीन प्रकार का होता है अगर हम BMI की बात करें तो पहला को Overweight कहते हैं इसमें 25.00 से 29.9 बीएमआई होता है इसे हम कैटेगरी एक में रखते हैं।
वहीं 30.00 से लेकर 34.9 बीएमआई को कैटेगरी दो में रखा जा सकता है और इसे मोट्रेट रिस्क की श्रेणी में देखा जाता है और अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई 35.00 से 39.9 है तो इसे हम कैटेगरी तीन यानी हाई रिस्क की कैटेगरी में देखते हैं लेकिन अगर आपका BMI 40 से भी ज्यादा है तो फिर ये बेहद खतरनाक हो सकता है।
आपके रोज के एक्टिविटी के आधार पर कैलोरी का खर्चा ज्यादा होने पर मोटापा बढ़ता है इसलिए डॉक्टर का सलाह होता है कि आप अपने रोज के एक्टिविटी के आधार पर ही कैलोरी लें ताकि मोटापा नियंत्रित रहे अगर कोई व्यक्ति का BMI 25 से अधिक है तो ये मोटापे का वजह हो सकता है इसमें शरीर में जरूर से ज्यादा वसा या Fat जमा होने लगता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा करने लगता है।
मोटापे का उपचार जीवन शैली में बदलाव करके किया जा सकता है इसमें आहार पर नियंत्रित करना होता है एवं रोज के दिनचर्या में व्यायाम शामिल किया जाता है सिर्फ भारत में ही हर साल एक करोड़ से ज्यादा मामला Obesity के होते हैं। मोटापा जितना ज्यादा दिन तक रहता है उतना ही ज्यादा बीमारियां हमारे अंदर पनपत्ति है इसलिए इससे पीछा छुड़ाना ही स्वस्थ जीवन का आधार होता है।
मोटापे के वजह से ही जोड़ो एवं पीठ में दर्द होने लगता है चलने में परेशानी होती है हमारा शरीर अत्यधिक वजन ढोता रहता है जिसके वजह से घुटनों में कई सारी परेशानियां घेरने लगती है, मोटापे के ही वजह से खर्राटे का परेशानी एवं तोंद का निकलना और शरीर में ढीलापन होने का समस्या होता है इसमें व्यक्ति को थकान भी ज्यादा होती है और वो खाना भी ज्यादा खाने लगते हैं।
मोटापे को दूर करने के लिए अपने दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करके और कम वसा एवं कम कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन को लेकर किया जा सकता है। ऐसे लोगों को डॉक्टर डेरी प्रोडक्ट एवं चिकनाई का सेवन कम से कम करने को बोलते हैं पानी पर्याप्त मात्रा में पिया जाता है एवं प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाना खाने का सलाह दिया जाता है ये सभी दिनचर्या को अपनाकर मोटापे या ओबेसिटी से छुटकारा पाया जा सकता है।